सरकार क्यों बचा रही हरिद्वार निगम भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड को, निगम घोटाले की हो सीबीआई जांच: जंन संघर्ष मोर्चा 

छोटी मछलियों पर शिकंजा, बड़े मगरमच्छ पर क्यों नहीं मास्टरमाइंड का निर्देश मानने वाले सब हो चुके निलंबित, घोटाले के दस्तावेज डबल लॉक में रखने का औचित्य, 

 

विकासनगर : जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हरिद्वार नगर निगम भूमि खरीद घोटाले में छोटी मछलियों (अधिकारियों) पर शिकंजा कसने के लिए सरकर ने अलग-अलग जांच अधिकारी नियुक्त किए हैं, जोकि सराहनीय कदम है, लेकिन मुख्य मास्टरमाइंड/ मगरमच्छ अधिकारी, जिसने घोटाले को अंजाम दिया , आज तक सरकार द्वारा शिकंजे में नहीं लिया गया, ऐसे महाभ्रष्ट अधिकारी को जिसके इशारे पर यह सारा खेल रचा गया, को बर्खास्त किया जाना चाहिए तथा इन पर शिकंजा कसने व घोटाले के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ सरकार को सीबीआई जांच कराने की दिशा में कार्रवाई करने तथा एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए।

नेगी ने कहा कि उक्त घोटाले में सरकार में अच्छी दखल रखने वाले मास्टरमाइंड/ जालसाज अधिकारी के निर्देश व दबाव के कारण ही इस घोटाले को अंजाम दिया गया, यह अलग बात है कि अधिकारियों ने दबाव में आकर यह घोटाला किया, जिसमें इनको निलंबित कर दिया गया एवं विजिलेंस जांच के आदेश भी सरकार द्वारा दिए गए ,जोकि सराहनीय कदम है ,लेकिन असली मास्टरमाइंड के खिलाफ कार्रवाई न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

सूत्र तो यह भी बताते हैं कि उक्त मास्टरमाइंड अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी, एसडीएम, नगर आयुक्त व अन्य अधिकारियों पर दबाव बनाकर इनको नियम विरुद्ध काम करने व काम जल्दी निपटाने के निर्देश दिए गए थे। नेगी ने कहा कि सवाल इस बात का है कि उक्त अधिकारियों द्वारा कैसे कूड़े के ढेर से लगती हुई कई बीघा भूमि का लैंड यूज चेंज कर 14 करोड़ की भूमि 54 करोड़ में रातों-रात खरीद ली गई, जिससे सरकार को लगभग 40 करोड रुपए की चपत लगी।

नेगी ने कहा कि वैसे तो उक्त घोटाले की जांच आईएएस अधिकारी श्री रणवीर सिंह चौहान द्वारा की जा चुकी है, जिसके परिणाम स्वरूप कुल मिलाकर 12 अधिकारियोंको निलंबित/ सेवा विस्तार समाप्त किया जा चुका है, अब तक उक्त घोटाले में इन अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक आपराधिक षड्यंत्र व भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हो जानी चाहिए थी ,लेकिन नहीं हुई, नेगी ने कहा कि उक्त जालसाज अधिकारी के कुकर्मों का दंड ये अधिकारी भुगत रहे हैं, जिनको निलंबित किया जा चुका है। उक्त जालसाज अधिकारी ने सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है, मोर्चा सरकार से आग्रह करता है कि न्याय के सिद्धांत के दृष्टिगत शीघ्र उक्त जालसाज/ मास्टरमाइंड अधिकारी को बर्खास्त कर इस पूरे गिरोह के खिलाफ सीबीआई जांच व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई करे।

पत्रकार वार्ता में  हाजी असद व अमित जैन मौजूद थे।

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