महिलाओं को सशक्त बनाने का एक सफल प्रयास,

आत्मनिर्भरता की मिसाल, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना का कमाल,

हरिद्वार : मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशों के क्रम में जनपद हरिद्वार के समस्त विकासखंडों में अल्ट्रा पूवर सपोर्ट, एंटरप्राइजेज (फॉर्म & नॉन फॉर्म), सीबीओ लेवल के एंटरप्राइजेज की स्थापना की गई है । इसी कड़ी में, विकासखंड खानपुर के न्यामतपुर गाँव की एक साधारण महिला, सविता देवी, जिनका जीवन कभी गरीबी और अनिश्चितता से घिरा था, आज अपने समुदाय के लिए आशा की किरण बन गई हैं. उनके पति, संजय, खेतों में मजदूरी करते थे, और परिवार की आय इतनी कम थी कि अक्सर महीने के अंत में राशन खरीदने के पैसे भी नहीं बचते थे । सविता हमेशा अपने बच्चों के बेहतर भविष्य का सपना देखती थीं, लेकिन उन्हें रास्ता नहीं मिल रहा था।

बता दें कि एक दिन ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना और वीर सीएलएफ द्वारा गाँव में आयोजित एक बैठक ने सविता के जीवन को बदल दिया । सविता गंगा विहार समूह से जुड़ी हुई है जो आस्था ग्राम संगठन और वीर सीएलएफ से जुड़ा हुआ है, परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है । इस दौरान सविता को अल्ट्रा पूवर सपोर्ट के तहत ₹35,000 रुपये का अनुदान प्रदान किया गया । सविता ने इस अनुदान के साथ-साथ स्वयं का भी ₹16,500 रुपया लगाया और परियोजना से जुड़कर अपनी आय सुधारने का संकल्प लिया ।

अनुदान मिलने के बाद, सविता ने सुअर पालन का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया, उन्होंने 35,000 रुपये में दो स्वस्थ सुअर – एक मादा और एक नर – खरीदे. बचे हुए पैसे से अपने आँगन में एक छोटा सा बाड़ा बनाया ।

शुरुआती संघर्षों के बावजूद सविता की कड़ी मेहनत रंग लाई. चार महीने बाद, मादा सुअर ने आठ बच्चों को जन्म दिया. छह महीने बाद, इन बच्चों को बेचकर उन्हें 32,000 रुपये की आमदनी हुई ।
इस आमदनी से सविता ने अपने बच्चों की स्कूल फीस भरी, कुछ किताबें और यूनिफॉर्म खरीदे. उन्होंने घर में एक नया गैस चूल्हा भी लिया, धीरे-धीरे, उन्होंने अपने व्यवसाय का विस्तार किया और उनकी आमदनी बढ़ती गई । सविता की सफलता पूरे गाँव में चर्चा का विषय बन गई, और वे अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गईं, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग ने सविता को न केवल अपने परिवार का जीवन बदलने में मदद की, बल्कि उन्हें दूसरों को भी प्रेरित करने का अवसर मिला । आज, उनका परिवार एक बेहतर जीवन जी रहा है, और सविता की कहानी यह दर्शाती है कि कड़ी मेहनत, लगन और सही समर्थन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

Discover more from नेशनल दर्पण

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading