अउआ के रजत जयंती समारोह में जुटे देश – दुनिया के पूर्वछात्र,
प्रधानमंत्री संग्रहालय भवन में हुआ सिल्वर जुबली समारोह,
अउआ की स्मारिका ‘त्रिपथगा’ का हुआ विमोचन,
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के त्रिमूर्ति भवन स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय के सभागार में कल इलाहाबाद विश्वविद्यालय पुराछात्र संघ (अउआ)के आयोजित रजत जयंती समारोह में देश-दुनिया से पहुंचे पूर्व और वर्तमान छात्रों का संगम देखने लायक था। समारोह स्थल खचाखच भरा हुआ था और इसमें एक से एक बढ़कर हस्तियां मौजूद रहीं ।


कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन और पूर्वछात्रों के परिचय के बाद विश्वविख्यात नृत्यांगना पद्मश्री नलिनी-कमलिनी के प्रस्तुत भावनृत्य ने शुरुआत से ही समां बांध दिया। उन्होंने एक के बाद नृत्य प्रस्तुत किये। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष राजकुमार सचान ‘होरी’ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ रजत जयंती समारोह अउआ के संस्थापक महासचिव स्व. नवीन चन्द्रा को समर्पित था। मुख्य अतिथि थे विश्वविद्यालय के पूर्वछात्र राज्यसभा के पूर्व महासचिव देश दीपक वर्मा और विशिष्ट अतिथि आरब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के पूर्व चेयरमैन संजॉय जोशी व इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के डायरेक्टर जनरल सुरेन्द्रनाथ त्रिपाठी। मंचासीन अन्य विभूतियों में अउआ के अध्यक्ष एस के सिंह और महासचिव शिखा दरबारी थीं। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय में छात्र जीवन के विनोदपूर्ण संस्मरण सुनाकर सबको गदगद कर दिया। अपने बेलाग अंदाज में सुरेन्द्रनाथ त्रिपाठी ने इलाहाबादी शैली में ऐसे तमाम अनछुए संस्मरण सुनाए कि दर्शक पूर्वछात्रों का हंसते-हंसते पेट फूल गया।
रजत जयंती समारोह में वरिष्ठ पत्रकार अजय औदीच्य की संपादित स्मारिका ‘त्रिपथगा’ का अतिथियों ने विमोचन किया। इस असवर पर त्रिपथगा के संपादन में सहयोगी जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता व अउआ के उपाध्यक्ष डीसी श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष विकास शर्मा, सांस्कृतिक सचिव अमिताभ तिवारी, नेशनल को-आर्डिनेटर अमित सिंह व सह सचिव आलोक सिन्हा, गौरव चन्द्रा व प्रो. अमित जायसवाल भी मंच पर मौजूद रहे। समारोह का शानदार संचालन डॉ. कुलभूषण त्रिपाठी और पूनम शर्मा ने किया।
अतिथि वक्ताओं ने हास-परिहास के माहौल में विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति पर चिंता भी जताई और अउआ को इस संदर्भ में सकारात्मक पहल करने का सुझाव दिया। संस्था के अध्यक्ष एस के सिंह ने विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिये अउआ के प्रस्तावित कार्यक्रम की जानकारी दी तो महासचिव डॉ. शिखा दरबारी ने संस्था के 25 साल के सफर का ब्यौरा प्रस्तुत किया। सामयिक विषयों पर वेबनार्स, परिचर्चाओं और साहित्य, खेलकूद के क्षेत्र में किये गए कार्यक्रमों पर सभी श्रोताओं ने तालियां बजाकर सराहना की। इस अवसर पर अउआ के संस्थापक अध्यक्ष राजकुमार सचान ने सारगर्भित परामर्श देते हुए कहा कि अच्छा होगा कि अउआ के कर्ताधर्ताओं में सिर्फ अधिकारियों को ही पदस्थ करने के बजाय कला, साहित्य से जुड़े लोगों को भी महत्व दिया जाए। समारोह की समाप्ति प्लेबैक सिंगर अनुजा सिन्हा व विनीत रघुवंशी के गानों से हुई। उनके गाए गीतों पर अउआ के पदाधिकारी और सदस्य झूमकर नाचे।

