बिजली चोरी कराए जाने के मामले में शासन ने ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता को किया सस्पेंड,

हरिद्वार / रुड़की : यूपी की सीमा पर स्थित नारसन सब स्टेशन से लंबे समय से बिजली चोरी कराए जाने के मामले में शासन ने ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता को सस्पेंड कर दिया है। वही इस मामले में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों का चालान कर दिया गया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की धरपकड़ का अभियान जारी है।

आपको बताते चलें कि बिजली के मीटर में गड़बड़ी कर बिजली चोरी कराने वाला एक गिरोह क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय है। इस गिरोह में बहादराबाद, मंगलौर, रुड़की, सहारनपुर व पुरकाजी क्षेत्र के डेढ़ दर्जन सदस्य सक्रिय है। जो फैक्ट्री के मीटर में गड़बड़ी कर बिजली की चोरी कराते हैं। जिसमें ऊर्जा निगम के अधिकारियों की संलिप्ता भी सामने आ रही है। मोहम्मद अकरम व उसके चार साथी को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में जब इनके द्वारा बताया गया कि बिजली चोरी का पूरा मामला पहले से ही स्थानीय अधिकारियों के संज्ञान में है तो ऊर्जा निगम में धड़ाधड़ कार्रवाई शुरू हो गई। इसी के साथ स्टील फैक्ट्री में स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ के मामले ने तूल पकड़ लिया । किसान संगठनों ने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को फोन किया ताकि यह मामला स्थानीय स्तर पर रखा दफा न हो सके। एसएसओ अकरम अली के बाद ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता का कार्यभार संभाल रहे लंढ़ौरा एसडीओ गुलशन बुलानी, एसडीओ मंगलौर अभिनव सैनी, अवर अभियंता अभिषेक को निलंबित कर दिया गया।

जांच के बाद कम्पनी में लगे स्मार्ट मीटर में खामियां उजागर होने पर ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने संविदा कर्मचारी अकरम अली की सेवाएं समाप्त करते हुए उसके खिलाफ केस दर्ज कराया । ऊर्जा निगम के डायरेक्टर मदन लाल आर्य ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओ अभिनव सैनी को हल्द्वानी जबकि अधिशासी अभियंता गुलशन बुलानी को रुद्रपुर कार्यालय में अटैच कर दिया है। वहीं अवर अभियंता अभिषेक को भी निलंबित किया गया है। फिलहाल विभागीय अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुट गए है।

जानकारी मिल रही है कि इसमें कुछ और अधिकारियों की भी संलिप्तता है। अन्य कुछ फैक्ट्री के मीटरों में इस तरह की गड़बड़ी कर बिजली चोरी कराई जा रही है। बिजली मीटर में गड़बड़ी करने वाले गिरोह में डेढ़ दर्जन से अधिक शातिर सदस्य कार्य कर रहे हैं जो की ऊर्जा निगम के बारे में बहुत अधिक जानकारी रखते हैं और मीटर में कैसे हेराफेरी होती है इसके लिए वह उन्हें तकनीकी जानकारी है। समझा जा रहा है कि शासन स्तर से इस मामले में और सख्त कार्रवाई होगी। सीट से भी जांच कराई जाने की संभावना है।

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