नेशनल दर्पण : हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित सिंचाई विभाग उ0प्र0 स्वामित्व वाली भूमि पर पिछले तीन वर्षों से बड़े अतिक्रमण के रूप में अवैध रूप से संचालित RMC प्लांट को हटाने में नाकाम,
आपको बताते चलें हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित भूमि उ0प्र0 सिं0 वि0 के स्वामित्व वाली भूमि को अपनी भूमि बता कर अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड मायापुर हरिद्वार ने हरिद्वार जिलाधिकारी से रिंग रोड निर्माण करने वाली कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल लि0/ठेकेदार को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने और अपने -अपने नीजि स्वार्थों के चलते तीन वर्षों के लिए कैंप/ कास्टिंग यार्ड कंक्रीट मिक्सिंग प्लांट की अनुमति दिलवा दी गई, जिसके खिलाफ अधिशासी अभियंता, उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की नलिन वर्धन के द्वारा जिलाधिकारी हरिद्वार को दिनांक 06-06-2022 में एक पत्र लिखकर कहा कि मौके पर कार्यदायी संस्था को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की अनुमति न होने के कारण कार्य रुकवाने का प्रयास किया गया, लेकिन सम्बंधित कार्यदायी संस्था द्वारा अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड हरिद्वार उत्तराखंड द्वारा निर्गत अनापत्ति प्रस्तुत की गई।
अधिशासी अभियंता उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की के द्वारा दिनांक 06-06-2022 में लिखें पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि शासनादेश संख्या 1762/09-27-सि -3-3(92)2002 दिनांक 12-06-2009 एवं शासन के नोटिफिकेशन संख्या 4339/××|||-116/1949 का हवाला देते हुए बताया गया कि दिनांक 21-12-1951 द्वारा भीमगौडा बैराज की सुरक्षा हेतु बैराज के 05 मील अपस्ट्रीम तथा 06 मील डाउनस्ट्रीम का क्षेत्र सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के अधीन रहेगा।
उन्होंने उक्त के सम्बन्ध में अवगत कराया कि उपरोक्त भूमि मेला आयोजन हेतु उत्तराखंड राज्य को अस्थाई रुप से स्थानांतरित की गई थी जोकि मेला समाप्ति के उपरांत उक्त भूमि स्वत: ही सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के नियंत्रणाधीन आ जाती है।
अधिशासी अभियंता ने यह भी लिखकर अवगत कराया कि आपके कार्यालय ज्ञाप संख्या 516/ जि0भू0 व्य0सहा0 2022 दिनांक 21-06-2022 द्वारा जो अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड मायापुर हरिद्वार, उत्तराखंड को अनुमति प्रदान की गई है, उक्त प्रश्नगत भूमि गंगा नदी का डूब क्षेत्र के अंतर्गत आता है, और माननीय न्यायालय ग्रीन ट्यूबनल नई दिल्ली के अनुसार डूब क्षेत्र होने के कारण गंगा नदी का यह भाग एन0जी0टी0 की परिधि में आता है इस भूमि पर RMC प्लांट की अनुमति देना नियम विरुद्ध है और इस भूमि पर कोई भी निर्माण नहीं कराये जाने की मांग की गई और माननीय न्यायालय ग्रीन ट्यूबनल नई दिल्ली के आदेशों के आलोक में आपके द्वारा अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड हरिद्वार उत्तराखंड को दी गई अनुमति को निरस्त करने के लिए अनुरोध किया गया था।
उक्त के सम्बन्ध में 01-अधीक्षण अभियंता, गंगा नहर संचालन मंडल मेरठ, 02- अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड हरिद्वार (उत्तराखंड) 03- उपराजस्व अधिकारी , उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की को प्रतिलिपि की गई। अधिशासी अभियंता, उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की के द्वारा सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के स्वामित्व वाली भूमि को अवैध अतिक्रमण से बचाने की कागज़ी कारवाई करने वाले अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन को 3-4 माह बाद संसपेंड कर दिया जाता है।
अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन के बाद उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय में अधिशासी अभियंता का पदभार संभालने वाले अधिकारी ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में अपने निजी स्वार्थों के कारण उत्तर प्रदेश स्वामित्व वाली हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित भूमि से अवैध रूप से स्थापित किए गए RMC प्लांट अवैध अतिक्रमण को हटाने की कोई कोशिश नहीं की गई।
उक्त के सम्बन्ध में सामाजिक कार्यकर्ता बिजेंद्र शीर्षवाल को जब मालूम हुआ तो उन्होंने वर्तमान अधिशासी अभियंता से मिलकर मौखिक रूप से उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग स्वामित्व वाली भूमि पर सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश से अनुमति लिए बिना स्थापित किए गए RMC प्लांट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया। लेकिन उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय के अधिकारियों की ओर से दो माह तक उक्त अवैध प्लांट के खिलाफ कार्रवाई न करने के चलते सामाजिक कार्यकर्ता बिजेंद्र शीर्षवाल के द्वारा दिनांक 30-05-2024 में 01- कार्यालय मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उ0प्र0 लखनऊ ,02- कार्यालय प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उ0प्र0 लखनऊ,03- कार्यालय मुख्य अभियंता (गंगा) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उ0प्र0 मेरठ मेरठ, को भी एक शिकायती पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया कि हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के स्वामित्व वाली भूमि पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग, शासन से अनुमति लिए बिना ही उत्तर प्रदेश शासनादेश को दरकिनार करते हुए इरकॉन इंटरनेशनल लि0 कम्पनी/ ठेकेदार को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की के अधिकारियों व सिंचाई खंड मायापुर हरिद्वार के अधिकारीयों ने अपने-अपने निजी स्वार्थों के चलते उक्त कम्पनी का कास्टिंग प्लांट स्थापित करने के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार से तीन वर्षों की अनुमति दिलवा दी गई। सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा लिखें गए शिकायती पत्रों के माध्यम से उक्त प्लांट को स्थापित कराने में शामिल रहे अधिकारियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार हित में उच्च स्तरीय कार्रवाई करने के लिए कहा गया।
बता दें कि उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय के द्वारा 13-03-2024 में लिखें पत्र में विभागीय अनुमति के बिना लगाए गए प्लांट को अतिक्रमण की श्रेणी में बताते हुए उक्त प्लांट को हटाने के लिए केवल सात दिनों का समय देते हुए नोटिस तो जारी कर दिया गया लेकिन अधिशासी अभियंता उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय के द्वारा पिछले 08 माह से धरातल स्तर पर बड़े अतिक्रमण करने वाले RMC प्लांट को ध्वस्त करने की कोशिश नहीं की गई।
गौरतलब है कि वहीं बैरागी कैंप स्थित मेला भूमि पर अवैध अतिक्रमण के रूप में स्थापित प्लांट को हटाने के को लेकर उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय के अधिकारियों के द्वारा अपने निजी स्वार्थों के चलते पिछले 10 माह से यूंही बहाने बनाएं गए कि उक्त RMC प्लांट के खिलाफ कार्रवाई करने में हरिद्वार प्रशासन हमें पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने में आनाकानी दिखा रहे हैं इसीलिए हम प्लांट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, वहीं उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय अधिकारीयों के द्वारा गत दिनों पूर्व तत्काल प्रभाव से भारी पुलिस फोर्स के साथ छोटे-छोटे अतिक्रमण करने वाले लोगों के अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया गए। जो काबिले तारीफ है अतिक्रमण छोटा हो या बड़ा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सभी के खिलाफ होनी चाहिए जो धरातल स्तर पर नहीं दिखाई दी।
उक्त कार्रवाई से तो यह साफ हो गया है कि उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय अधिकारीयों को बड़े अतिक्रमण करने वाले की ओर से मौटा सुविधा शुल्क मिल रहा होगा और छोटे अतिक्रमण करने वालों से कुछ नहीं तभी तो उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय अधिकारीयों के द्वारा बड़े पुलिस दलबदल के साथ छोटे-छोटे अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया और RMC प्लांट के रूप में बड़ा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ आंख उठाने की हिम्मत नहीं कर पाए। उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय अधिकारीयों के नीजि स्वार्थों के चलते सिंचाई विभाग उ0प्र0, सरकार के राजस्व को करोड़ों रुपए की हानी पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सिंचाई विभाग उ0प्र0 विभाग व उ0प्र0 शासन में बैठे उच्च अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ संसपेंड कारवाई की जाए, और उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय में सिंचाई विभाग उ0प्र0, शासन हित में कार्य करने वाले अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए जिससे उत्तर प्रदेश सरकार को हो रहे करोड़ों के राजस्व की हानी न हो पाए, और जिन -जिन अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत के चलते उ0प्र0 सरकार को करोड़ों की हानी हुई है उस नुकसान को उक्त समस्त अधिकारियों से वसूलना चाहिए।
आखिर अब देखना यह है कि उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की कार्यालय के अधिकारीयों की ओर से उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग स्वामित्व वाली भूमि पर RMC प्लांट के रूप में किए गए अतिक्रमण के खिलाफ कितनी जल्दी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व की भरपाई की जाएगी। और अपने आप को विभाग हित और सरकार हित में कार्य करने वाले अधिकारियों श्रेणी में प्रस्तुत किया जाएगा।