haridwar ke bhel उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल एवं शहरी विकास विभाग उत्तराखण्ड के निर्देशों के अनुपालन में जहां राज्यभर में वृहद विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया वहीं भारत का महारत्न संस्थान बीएचईएल कूड़ा निस्तारण के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिख रहा है। haridwar ke bhel उनगरी में सेक्टर तीन से सुभाषनगर जाने वाले मार्ग पर फैले कूड़े का मामला उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष पहुंचने पर आज रूड़की स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से आये अधिकारियों ने क्षेत्र का मुआयना करने के बाद बीएचईएल और शिवालिकनगर नगर पालिका की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। haridwar ke bhel
haridwar ke bhel का वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने कराया निरीक्षण
इस क्षेत्र को साफ सुधरा बनाने और पर्यावरण संरक्षण की मुहिम छेड़े हुए वरि. पत्रकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी के निर्देश पर रूड़की से हरिद्वार पहुचे निगरानी सहायक सुनील डबराल को प्रदूषित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कराते हुए उन्हें सिलसिलेवार जानकारी दी। इस संबंध में उनके द्वारा निगरानी अधिकारी को कुछ अभिलेख भी सौंपे गये। निगरानी अधिकारी ने haridwar ke bhel सेक्टर-3 में पीएसी बैरियर से सुभाषनगर के पास बैरियर नम्बर 8 तक प्रदूषित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने जगह.जगह फैले पालीथिन, रैपर, कागज, कपड़ों के चीथड़े आदि कूड़े के फोटो लिये। haridwar ke bhel
इसके बाद वे सड़क मार्ग से लगे वन क्षेत्र में गये। haridwar ke bhel जहां उन्होंने ट्रैक्टर ट्रालियों में भर कर बड़ी मात्रा में फैंके गये कूड़े को देखने के साथ मिट्टी खनन कर बनाये गये बड़े-बड़े गडढे और बड़ी संख्या में हरे वृक्षों को पहुंचाये गये नुकसान को भी देखा। यहां उन्होंने पाया कि मिट्टी खनन कर वृझों का गिराया गया हैं और औषधीय वृक्षों को काट कर उनके निशान तक मिटा दिये गये हैं। यहां कई जगह मिट्टी काटकर बड़ी संख्या में पेड़ों को ठिकाने लगाने के लिए उन्हें गिराया गया था।
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इस अवसर पर निगरानी सहायक सुनील डबराल ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फैंकना, प्रदूषण फैलाना और कूड़े का समयबद्ध निस्तारण न करना एक गंभीर मामला हैं। उन्होंने कहा कि यहां जिस तरह पेड़ों को गिराया और काटा गया है वह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में haridwar ke bhel के साथ शिवालिकनगर नगर पालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सार्वजनिक क्षेत्र में कूड़ा न फैंका जाये और उसका समयबद्ध निस्तारण किया जाय। उन्होंने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जहां कुछ दिन पूर्व स्थानीय युवाओं ने कूड़ा साफ कर पौधारोपण किया था वहां फिर कूड़ा डाल दिया गया है।
त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने कहा कि सार्वजिनक क्षेत्र में कूड़ा फैंकने, और प्रदूषण फैलाने के मामले में haridwar ke bhel और शिवालिकनगर नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में एक भी चालान नहीं किया गया है। उन्हें कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के साथ सख्ती से पेश पाना चाहिये, तथा बैरियर नम्बर आठ पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिये। भट्ट ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल एवं शहरी विकास विभाग उत्तराखण्ड के निर्देशों के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश सिकन्द कुमार त्यागी के नेतृत्व में जहां पूरे हरिद्वार जिले में वृहद विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया वहीं जिम्मेदार अधिकारियों ने इस क्षेत्र की सफाई के प्रति घोर उपेक्षा की है।