ग्राम प्रधान को दो  बार नोटिस देने के बावजूद अभिलेख उपलब्ध न कराने पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ग्राम प्रधान को किया  निलम्बित, 

 

हरिद्वार : दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को ग्राम पंचायत अकौढा खुर्द उर्फ अकौढा मुकर्मतपुर विकास खण्ड लक्सर के कश्यप बस्ती में सी०सी० सडक निर्माण में घटिया सामग्री की शिकायत पर सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी, हरिद्वार को प्रकरण में जाँच के निर्देश दिए गए थे।
इस प्रकार बार-बार निर्देशित करने के उपरान्त् भी श्रीमती बसन्ती देवी ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत अकौढा खुर्द उर्फ अकौढा मुकर्मतपुर विकास खण्ड लक्सर द्वारा ग्राम पंचायत के उक्त अभिलेख अग्रिम कार्यवाही हेतु उपलब्ध नही कराए है, जो ग्राम प्रधान द्वारा उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 133 के प्राविधान के स्पष्ट उल्लघंन को प्रदर्शित कर रहा है। विदित हो कि उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 (1) में प्राविधान है कि राज्य सरकार ग्राम पंचायत के प्रधान, उपप्रधान या उसके किसी सदस्य या संयुक्त समिति या भूमि प्रबन्धक समिति के किसी सदस्य को निम्नलिखित में से किसी भी आधार पर हटा सकेगी। वह उक्त सदस्य, प्रधान, उपप्रधान, प्रमुख, उपप्रमुख, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्य सम्पादन में अपने वर्तमान अथवा किसी पूर्ववर्ती कार्यकाल में अनाचार का दोषी या उसने इस अधिनियम के किसी उपबन्ध का उल्लघंन किया हो या पंचायतों की निधि या सम्पत्ति को हानि या क्षति पहुँचाई हो सदस्य, प्रधान, उपप्रधान, प्रमुख, उपप्रमुख, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के रूप में बने रहने के लिए अनुपयुक्त होगें, ऐसी स्थिति में उन्हें विभागीय अन्तिम जाँच तक निलम्बित किया जा सकेगा एवं उसके कार्य एवं दायित्व सम्बन्धित पंचायत के निर्वाचित 03 सदस्यों की एक समिति को सौंपे जा सकेंगे’ के प्राविधानों के सापेक्ष उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 133 के प्राविधान के स्पष्ट उल्लघंन व सम्बन्धित पदीय दायित्वों/कर्तव्यों के सम्पादन में जानबूझकर लापरवाही व कर्तव्य पालन न करने का दोषी पाए जाने के कारण उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 के अधीन श्रीमती बसन्ती देवी ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत अकौढा खुर्द उर्फ अकौढा मुकर्मतपुर विकास खण्ड लक्सर को अंतिम जॉच में दोषमुक्त होने तक तत्काल प्रभाव से प्रधान ग्राम पंचायत अकौढा खुर्द उर्फ अकौढा मुकर्मतपुर के पद से निलम्बित किया गया है।

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