नेशनल दर्पण : आम आदमी पार्टी के लिए राहत भरी खबर : कानूनी मुश्किलों में घिरी आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक मोर्चे पर एक राहत की खबर आई है। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के एक बागी नेता ने माफी मांगते हुए आजीवन साथ रहने की कसमें खाई है।

आपको बताते चलें कि एमसीडी में डिप्टी मेयर पद के लिए दावा ठोकने की वजह से निलंबित किए जा चुके विजय कुमार ने माफी मांगते हुए कहा है कि वह अब कभी नेतृत्व के खिलाफ नहीं जाएंगे। आम आदमी पार्टी की ओर से अभी यह साफ नहीं किया गया है कि विजय कुमार को माफी मिलेगी या नहीं।

त्रिलोकपुरी के वार्ड 192 से पार्षद विजय कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं से माफी मागते हुए कसम खाई है कि वह दोबारा कभी गलती नहीं करेंगे और आगे जिंदगी भर आम आदमी पार्टी के साथ ही रहेंगे। विजय कुमार ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की शपथ लेते हुए एक वीडियो जारी किया है।

विजय कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, ‘ मैं आम आदमी पार्टी का था, हूं और रहूंगा। मैं अपनी गलतियों के लिए शीर्ष नेतृत्व अरविंद केजरीवाल जी, मनीष सिसोदिया जी, दुर्गेश पाठक और आतिशी जी से माफी मांगता हूं।साथ ही साथ अपने बड़े भाई कुलदीप कुमार जी से भी माफी मांगता हूं। हम सभी आम आदमी पार्टी के सिपाही हैं। हम सभी दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आई विपदा में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

विजय कुमार ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वह कह रहे हैं, ‘मैं बाबा साहब की कसम खाता हूं कि जो मुझसे गलती हुई है, मैं शीर्ष नेतृत्व से माफी मांगता हूं। भविष्य में कभी गलती नहीं होगी। आजीवन मैं आम आदमी पार्टी में रहूंगा। मैं शीर्ष नेतृत्व को भरोसा दिलाता हूं कि कभी उनके खिलाफ नहीं जाऊंगा।’

बता दें कि 15 जून को आम आदमी पार्टी ने विजय कुमार को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल बताते हुए निलंबित कर दिया था। वह लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी में शामिल थे। वह एक अन्य बागी नेता नितिन त्यागी के सुर में सुर मिला रहे थे। उन्होंने पार्टी में बगावत का बिगुल इस साल अप्रैल में ही बजा दिया था। विजय कुमार ने एमसीडी में प्रस्तावित चुनाव के दौरान बगावत करते हुए डिप्टी मेयर पद पर दावा ठोक दिया था। विजय कुमार को मनाने की काफी कोशिशें हुईं। लेकिन उन्होंने पार्टी की बात मानने से इनकार करते हुए कहा था कि उन पर दबाव ना बनाया जाए, वह चुनाव लड़कर रहेंगे।

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