नेशनल दर्पण : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 01-08-2024 को दलितों के आरक्षण में कोटे के अंदर कोटा देने का फैसला जैसे ही सुनाया, इस पर पॉलिटिक्स शुरू हो गई, संसद से लेकर सड़क तक दलित नेताओं ने ही सुप्रीमकोर्ट के फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया।
बता दे कि देश की राजनीति में वर्षों से दलित चेहरा बनकर सत्ता का सुख भोगने वाले मायावती, चिराग पासवान, उदित राज और प्रकाश आंबेडकर जैसे कई दलित चेहरों की पॉलिटिक्स पर खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गई है।
वहीं दलित पॉलिटिक्स की नई पौध चंद्रशेखर आजाद, जिग्नेश मेवाणी जैसे नेताओं को भी मिर्ची लगी है, वहीं जीतन राम मांझी और संजय पासवान जैसे कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. राजनीति के जानकारों की मानें तो देश में आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का दूरगामी असर देखने को मिलेगा, खासकर दलितों के नेता कहने वाले अब अपने आपको दलित नेता नहीं, बल्कि दलितों के किसी एक जाति के नेता बन कर जाने जाएंगे।