नेशनल दर्पण (बिजेंद्र शीर्षवाल)   राजकीय मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर, हरिद्वार को निजी हाथों में सौंप कर सत्तादल पार्टी ने किया छलावा, हो सकता है नगर निकाय चुनाव में भारी नुक़सान,

आपको बताते चलें कि हरिद्वार नगर निगम वासियों  को भ्रम के मायाजाल मे उलझाया जा रहा है। नगर निगम के चुनावों के चलते हरिद्वार के राजकीय मेडीकल कॉलेज को निजी हाथों में देकर सरकार ने जनता के साथ विश्वासघात करते हुए जनता को आइना दिखा दिया है उन्हें किया है। यह शब्द सोनीपत के साँसद सतपाल ब्रहमचारी ने हरिद्वार में एक जनसभा में बोलते हुए कहा कि वह इस मामले को लोकसभा में उठायेंगे गौरतलब है, कि लोकसभा सदस्य सतपाल ब्रहमचारी की राजनीति की पृष्ठभूमि हरिद्वार से ही जुड़ी हैं। वह हरिद्वार नगर पालिका मे चैयरमैन भी रह चुके हैं। उनकी राजनीतिक जमीन हरिद्वार ही है इसलिये उन्होने हरिद्वार की जनता के दर्द को समझते हुवे इस मुद्‌दे को संसद में उठाने की घोषणा करते हुवे कहा कि इस राजकीय मेडीकल के लिए 500 बीघा जमीन हरिद्वार नगर निगम ने इस उद्देश्य से दी थी कि हरिद्वार के गरीब लोगों को यहाँ मुफ्त ईलाज और उनके बच्चों को यहाँ मेडीकल शिक्षा उपलब्ध होंगी।
उन्होने कहा कि वर्तमान हरिद्वार  सत्ताधारी विधायक और सांसद ने इसी राजकीय मेडीकल कॉलेज को एक सौगात के रूप में हरिद्वार को देने का मुददा बनाकर लोकसभा का चुनाव जीता था, उन्होंने इस नवनिर्मित राजकीय मेडीकल कॉलेज को हरिद्वार की जनता को राज्य सरकार का तोहफा बताया था, परन्तु अफसोस उसी सरकार ने इसे एक निजी ट्रस्ट को सौंपकर हरिद्वार वासियों से छल करने का काम किया हैं।

हरिद्वार कॉरीडोर का मुद्दा भी सरकार की गतिविधियों से शीशे की तरह साफ हो गया है। उत्तराखंड शासन के आवास सचिव आर० मीनाक्षी सुन्दरम् ने सूत्रों को बताया कि 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देहरादून आगमन पर कॉरीडोर प्रजेंटेशन का भी कार्यक्रम रखा हैं । जहाँ सप्तऋषि से कनखल व पुल जटवाडा, ज्वालापुर तक के 10 किलोमीटर लम्बे कॉरीडोर की डी०पी०सी० का प्रस्तुतीकरण प्रधानमंत्री के समक्ष होगा। इस बात से स्थानीय विधायक मदन कौशिक के उस दावे की हवा निकल गई है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत करली है कि हरिद्वार में कोई तोड फोड ना होकर मात्र सौन्दर्यीकरण का काम होगा।

गौरतलब है कि कॉरीडोर का प्रस्ताव पहले अनापत्ति प्रमाण के लिए नगर निगम मे लाया जायेगा। यदि निगम में गैर भाजपाई सरकार आयी तो नगर निगम से एन०ओ०सी० कॉरीडोर को नहीं मिल पायेगी और कॉरीडोर का काम रुकने की पूरी सम्भावनाए बनी रहेंगी। यदि निगम में सत्ताधारी दल का बोर्ड बना तो सरकार को निगम से आसानी से अनापति प्रमाणपत्र मिल जायेगा।

हरिद्वार के व्यापारियों व जनता को ही कारीडोर के भूत को रोकने का निर्णय नगर निगम व मेयर के चुनाव में लेना है किस हद तक नगर निगम चुनाव के निर्णय भी कॉरीडोर का भविष्य मे तय करेगे। इसलिये सब की निगाह कॉरीडोर को लेकर भी हरिद्वार नगर निगम चुनाव पर टिकी हुई है।

आखिर अब देखना यह है कि हरिद्वार नगर की महान जनता राजकीय मेडिकल कॉलेज को प्राइवेट करने वाली पार्टी को वोट करेगी या फिर हरिद्वार वासियों की सुविधा के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए लगभग 500 बीघा भूमि उपलब्ध कराने वाली पार्टी को वोट करेगी।

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