रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की यात्रा को 19 दिन का समय हो गया है। और यात्रा में 2 लाख 65 हजार से अधिक तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को महंगाई समेत कई अन्य समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। धाम में होटलों के रेट इतने ज्यादा हैं कि उनका बजट बिगड़ रहा है, तो दूसरी तरफ यात्रियों का कहना है कि उनसे यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों का डबल रेट लिया जा रहा है। केदारनाथ धाम में बढ़ती महंगाई से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं।

यात्रियों का कहना है कि उनको दोगुने दामों पर घोड़े खच्चर मिल रहे हैं, जबकि पालकी के दाम भी आसमान छू रहे हैं। केदारनाथ में होटलों के रेट इतने ज्यादा हैं कि तीर्थयात्रियों का बजट बिगड़ रहा है। इसके साथ ही पैदल यात्रा मार्ग पर सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। तीर्थयात्रियों का कहना है कि घोड़े खच्चर का तय किराया 2500 रुपये है, लेकिन संचालक उनसे 5 से 6 हजार रुपये मांग रहे हैं, जबकि पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रास्ते में घोड़े खच्चरों की लीद होने से लोग फिसल रहे हैं। ऐसे में कोई अधिकारी या कर्मचारी हमारी सुनने को तैयार नहीं हैं।डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि घोड़े खच्चरों से सामने ही बात की जाएगी। साथ ही होटलों व्यापारियों से भी बात की जाएगी।

केदारनाथ यात्रा पड़ाव के सोनप्रयाग- गौरीकुंड का सफर भी तीर्थयात्रियों के लिए भारी पड़ रहा है। पांच किमी के सफर में तीर्थयात्रियों को घंटों जाम में फंसना पड़ रहा है। वहीं जगह-जगह गड्ढे होने से श्रद्धालुओं की हालत भी खराब हो रही है। धाम की यात्रा भगवान केदारनाथ के ही भरोसे चल रही है। गौरीकुंड से घोड़ा पड़ाव तक दो किमी पैदल मार्ग में कहीं पर भी पुलिस के जवान नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में तीर्थयात्री धक्का-मुक्की करके आगे बढ़ रहे हैं। 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। जिसके बाद से हजारों की संख्या में हर दिन श्रद्धालु बाबा केदार के दरबार में पहुंच रहे हैं। यात्रा का आंकड़ा 19 दिन में 2 लाख 65 हजार के पार हो चुका है।

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