बैरागी कैंप स्थित उत्तरी खंड गंगा नहर, उ0प्र0 की भूमि पर अवैध रूप से संचालित इरकाॅन इंटरनेशनल लि0/ ठेकेदार के कास्टिंग यार्ड/ कंक्रीट, रेडिमिक्स प्लांट के खिलाफ सम्बंधित विभागीय अधिकारी कारवाई करने में नाकाम,
हरिद्वार : आपको बताते चलें कि हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित उत्तरी खंड गंगा नहर उ0प्र0 के स्वामित्व वाली मेला भूमि / गंगा की भूमि पर 01-06-2022 में अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड हरिद्वार (उत्तराखंड) कार्यालय के तत्कालीन जिलाधिकारी को गुमराह करते हुए एक फर्जी शपथपत्र के आधार पर 50,000 वर्ग मीटर भूमि पर इरकाॅन इंटरनेशनल लि0/ ठेकेदार को 31-05-2025 तक तीन वर्षों के लिए अपने कास्टिंग यार्ड/ कंक्रीट, रेडिमिक्स प्लांट लगाने हेतु भूमि लीज अनुमति दिला दी गई थी।
बता दें कि उक्त बैरागी कैंप स्थित गंगा की भूमि पर इरकाॅन इंटरनेशनल लि0/ठेकेदार के द्वारा ली गई तीन वर्ष की अवधि 31-05-2025 में समाप्त हो गई थी। जिसके बावजूद सिंचाई खंड हरिद्वार अधिशासी अभियंता के द्वारा उक्त भूमि पर तीन लीज वर्ष अवधि समाप्त होने के पश्चात भी अवैध रूप से संचालित इरकाॅन इंटरनेशनल लि0/ ठेकेदार के कास्टिंग यार्ड/कंक्रीट, रेडिमिक्स प्लांट से मेला भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने में लापरवाही बरत रहे हैं।
आपको बताते चलें कि दिनांक 27-05-2024 में पत्रांक संख्या -310 के माध्यम से अधिशासी अभियंता उत्तरी खंड गंगा नहर रुड़की (उ0प्र0) के द्वारा सचिव, राज्य पुनर्गठन विभाग उत्तराखंड शासन को पत्र लिखकर सिंचाई विभाग, उ0प्र0, स्वामित्व की कुम्भ मेला भूमि को अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड हरिद्वार (उत्तराखंड) इरकाॅन इंटरनेशनल लि0/ ठेकेदार को लीज पर देना अवैज्ञानिक बताया गया था। इस सम्बन्ध में दिनांक 13-03-2024 को अधिशासी अभियंता उत्तरी खंड गंगा नहर, उ0प्र0 ,रुड़की, कार्यालय द्वारा नोटिस जारी करते हुए अपनी विभागीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण बताते हुए, सात दिनों के अंदर बैरागी कैंप स्थित भूमि को रिक्त करने के लिए निर्देशित किया गया था।
आपको बता दें कि क्या विभागीय एक पत्र से 50,000 वर्ग मीटर भूमि पर संचालित प्लांट हटाया जा सकता है, क्या एक पत्र लिख देने से अधिशासी अभियंता उत्तरी खंड गंगा नहर उ0प्र0 रुड़की, की जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है। क्या सिंचाई विभाग उ0 प्र0 (उत्तर प्रदेश सरकार) ने भारी भरकम सैलरी पर जनपद हरिद्वार (उत्तराखंड) में अपने विभागीय सम्पत्ति के रखरखाव हेतु तैनात किए गए हैं , जिले के सबसे बड़े पद पर आसीन अधिशासी अभियंता अपनी विभागीय भूमि को अवैध कब्जे धारकों/ अवैध अतिक्रमणकारियों से अपनी भूमि को अवैध कब्जे से खाली कराने में अपनी नाकामी को छुपाते हुए यह कहते हैं कि हमने हरिद्वार जिला प्रशासन से बैरागी कैंप से अवैध प्लांट/ अतिक्रमण को हटाने के लिए पुलिस की मांग की है लेकिन वह हमें पुलिस फोर्स उपलब्ध नही करा पाते, इसीलिए हम इरकाॅन इंटरनेशनल लि0/ठेकेदार के द्वारा अवैध रूप से संचालित किए जा रहे कास्टिंग यार्ड/ कंक्रीट, रेडिमिक्स प्लांट को हटवाने में नाकाम साबित हो रहें हैं।
वहीं अगर गरीब छोटे अतिक्रमणकारियों की बात आती है तो सिंचाई खंड हरिद्वार (उत्तराखंड) और उत्तरी खंड गंगा नहर उ0प्र0 रुड़की, अधिशासी अभियंता को तत्काल भारी पुलिस फोर्स मुहैया हो जाती है, और वह गरीब अतिक्रमणकारियों के खिलाफ पीला पंजा (जेसीबी) व भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण को ध्वस्त कर देते हैं। लेकिन इन सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को बैरागी कैंप स्थित मेला भूमि/गंगा की भूमि पर 50,000-60,000 वर्ग मीटर भूमि पर किए गए अवैध प्लांट के खिलाफ कार्रवाई न कर उसके सामने नतमस्तक होकर वहां से चुपचाप निकल जाते हैं। जिसपर विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो जाते हैं।
उपरोक्त प्रकरण से ऐसा महसूस होने लगा कि रिंग रोड निर्माण करने वाली इरकाॅन इंटरनेशनल लि0/ठेकेदार के अवैध रूप से संचालित कास्टिंग यार्ड/ कंक्रीट, रेडिमिक्स प्लांट स्थापित करने वालों से बैरागी कैंप स्थित भूमि को कब्जा मुक्त न कराकर उनके सामने नतमस्तक होने की संभावना जताई जा रही है।
आखिर अब देखना यह है कि उपरोक्त कास्टिंग यार्ड/ कंक्रीट रेडिमिक्स प्लांट की समयावधि समाप्त होने के बावजूद उक्त अवैध प्लांट के खिलाफ सम्बंधित विभागीय/ प्रशासन का पीला पंजा (जेसीबी) कब कार्रवाई करता नज़र आयेगा।