नेशनल दर्पण (बिजेंद्र शीर्षवाल) हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित कुम्भ मेला क्षेत्र गंगा नदी की भूमि पर अवैध रूप से  प्लांट को स्थापित करने वाली कंपनी एवं प्लांट की स्थापना में शामिल रहे सम्बंधित के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण की मुख्य पीठ, नई दिल्ली के द्वारा 1- उत्तराखंड पर्यावरण सुरक्षा एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, 2- जिलाधिकारी हरिद्वार, 3- अधिशासी अभियंता हरिद्वार, उत्तराखंड सिंचाई विभाग, 4- M/S इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ,5- अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0 को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

आपको बताते चलें कि हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित कुम्भ मेला क्षेत्र की  उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग स्वामित्व वाली भूमि पर विभागीय अनुमति बिना ही सिंचाई खंड हरिद्वार (उत्तराखंड) ने अपनी भूमि बताकर कर हरिद्वार जिलाधिकारी कार्यालय से रिंग रोड निर्माण करने वाली कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल लि0 ‌को 50 हजार वर्ग मीटर भूमि पर तीन वर्षों के लिए कैंप/कास्टिंग यार्ड कंक्रीट मिक्सिंग प्लांट लगाने की अनुमति दिलवा दी गई।

 

नीचे पढ़िए आखिर क्या है पूरा मामला

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता बिजेंद्र कुमार को इस मामले में जानकारी प्राप्त हुई तो उन्होंने मौजूदा  अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड मायापुर हरिद्वार से मिलकर बैरागी कैंप स्थित मेला क्षेत्र की सिंचाई खंड उ0प्र0 की भूमि पर सिंचाई खंड उ0प्र0 विभाग से अनुमति बिना प्लांट स्थापित करने के बारे में वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त भूमि सिंचाई खंड हरिद्वार, उत्तराखंड की भूमि है हमें किसी से अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है हमने हमारे सिंचाई खंड हरिद्वार की भूमि पर प्लांट लगाया है।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सिंचाई खंड रुड़की, अधिशासी अभियंता, से मिलकर उपरोक्त प्लांट के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने कहा कि यह मेरे  संज्ञान में नहीं है, हमारे सिंचाई खंड उत्तर प्रदेश की भूमि पर बिना अनुमति के प्लांट लगाया गया है तो बहुत जल्द उसके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

कारवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखे पत्र,

सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा उक्त प्रकरण में दिनांक 30-05-2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश सरकार ,लखनऊ ,व दिनांक 30-05-2024 को प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ, तथा दिनांक 30-05-2024 में ही मुख्य अभियंता (गंगा) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0,मेरठ, को पत्र लिखकर अवगत कराया कि हरिद्वार बैरागी कैंप स्थित सिंचाई खंड उ0प्र0 के स्वामित्व वाली मेला क्षेत्र गंगा नदी की भूमि पर सिंचाई खंड उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड सिंचाई विभाग हरिद्वार के अधिशासी अभियंता के द्वारा M/S इरकॉन इंटरनेशनल लि0 कम्पनी/ठेकेदार को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने और अपने – अपने निजी स्वार्थों के चलते सिंचाई विभाग उ0प्र0 से बिना अनुमति लिए और उत्तर प्रदेश से कम किराए पर दिनांक 19-05-2022 को अनुबंध करते हुए तीन वर्षों के लिए कैंप/कास्टिंग यार्ड कंक्रीट मिक्सिंग प्लांट की स्थापना करा दी गई।

पत्र में लिख कर कहा गया है कि सिंचाई विभाग उ0प्र0 की ओर से हरिद्वार (उत्तराखंड) में गंगा नहर एवं सिंचाई विभाग उ0प्र0 की सम्पत्ति के रखरखाव में कार्यरत अधिकारीगण मिक्सिंग प्लांट की स्थापना को लेकर जानबूझकर अनजान बने बैठे हुए हैं। पत्र में उक्त प्लांट के खिलाफ कार्रवाई करने और प्लांट की स्थापना कराने में शामिल रहे सिंचाई खंड हरिद्वार व सिंचाई खंड उ0प्र0 के समस्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए लिखा गया था।

उत्तर प्रदेश अधिशासी अभियंता के द्वारा 5-6 महीने के बाद भी कारवाई नहीं करने के बाद NGT के समक्ष उठाया गया मामला,

वहीं सिंचाई खंड उ0प्र0 रुड़की अधिशासी अभियंता की ओर अवैध रूप से स्थापित कैंप/ कास्टिंग यार्ड कंक्रीट मिक्सिंग प्लांट के खिलाफ कई माह के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई तो सामाजिक कार्यकर्ता बिजेंद्र कुमार के द्वारा उपरोक्त मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के समक्ष उठाया गया।  दिनांक 02-01-2025 को हुई सुनवाई में राष्ट्रीय हरित अधिकरण की मुख्य पीठ, नई दिल्ली के द्वारा उपरोक्त मामले में 1- उत्तराखंड पर्यावरण सुरक्षा एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, 2- जिलाधिकारी हरिद्वार, 3- अधिशासी अभियंता हरिद्वार, उत्तराखंड सिंचाई विभाग, 4- M/S इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड ,5- उत्तर प्रदेश अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड एवं जल संसाधन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

 

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