पत्रकार बिजेंद्र शीर्षवाल 

नेशनल दर्पण : देश के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का मतलब शिक्षकों को देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में तैनाती चाहिए। उन्हें इन जिलों के सुगम विद्यालयों में दुर्गम की सेवाओं का लाभ मिलने से पर्वतीय जिलों के विद्यालयों को शिक्षक नहीं मिल रहे।

इस स्थिति के चलते पर्वतीय जिलों के इन विद्यालयों में शिक्षकों के करीब आधे पद खाली हैं। प्रदेश में शिक्षा के लिए पलायन को कुछ हद तक रोका जा सके और पर्वतीय जिलों में बच्चे सीबीएसई बोर्ड से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर सकें, सरकार ने इसके लिए हर ब्लॉक के दो सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को वर्ष 2020 में अटल उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चलाए जाने का निर्णय लिया था।

सरकार के इस निर्णय के बाद सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को चयनित कर उन्हें सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध किया गया। सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध इन विद्यालयों में सरकारी विद्यालयों से स्क्रीनिंग परीक्षा से शिक्षकों का चयन किया गया। शिक्षकों के चयन के बाद अधिकतर शिक्षक देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में तैनाती पा गए, लेकिन पहाड़ के अधिकतर विद्यालयों में शिक्षकों के करीब आधे पद खाली हैं।

शिक्षा विभाग की ओर से इन खाली पदों को भरा जा सके, इसके लिए विभाग ने एक बार फिर स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से इन विद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन किया, लेकिन काउंसलिंग के दौरान चयनित अधिकतर शिक्षक पहाड़ में तैनाती को तैयार नहीं हैं।

शासन ने इन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए इस तरह की व्यवस्था की है कि यदि किसी शिक्षक की सुगम के विद्यालय में तैनाती होती है, तो उसकी सुगम की सेवा को दुर्गम की सेवा माना जाएगा, जबकि दुर्गम में एक साल की दुर्गम सेवा को दो साल की दुर्गम सेवा माना जाएगा।

अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवक्ताओं के रिक्त पदों व कार्यरत पदो की सूची 👇

जनपदविद्यालयस्वीकृत पदकार्यरत पदखाली पद
पौड़ी30278139139
चमोली181759184
अल्मोड़ा2220413074
चंपावतआठ602337
पिथौरागढ़161649569
रुद्रप्रयागछह614526

प्रदेश के पर्वतीय जिलों के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही विभाग की बैठक बुलाकर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।

-डाॅ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री

 

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