राधिका, मानसी, मनीषा, रीना, नेहा व प्रिया को मिला ‘मातृ चेतना सम्मान, 14 को ‘काव्य चेतना सम्मान’
हरिद्वार। भारतीय संस्कृति की संवाहक मासिक पत्रिका चेतना पार्क के प्रकाशन के तीसरे वर्ष के प्रवेश के अवसर पर गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में सराहनीय योगदान के लिए नगर की प्रतिष्ठित महिलाओं को ‘मातृ चेतना सम्मान-2023 से सम्मानित किया गया, जबकि, 14 वरिष्ठ कवि एवं कवियत्रियों को ‘काव्य चेतना सम्मान-2023 प्रदान किये गये साथ ही इस अवसर ओर एक कवि गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
‘मातृ चेतना सम्मान’ से सम्मानित महिलाओं में डा. राधिका नागर (पत्रकारिता और अध्यात्मिक लेखन), अस्मिता फाउंडेशन से मानसी मिश्रा व मुस्कान फाउंडेशन से नेहा मलिक (समाजसेवा), रीना कुंअर शर्मा (खेल), मनीषा सूरी (पत्रकारिता) तथा योग में अष्टावक्रासन का गिनीज़ बुक आफ रिकार्ड में स्थान पाने वाली डा. प्रिया आहूजा शामिल रहीं। ‘काव्य चेतना सम्मान-2023’ से सम्मानित होने वाले कविगण थे- पं. ज्वाला प्रसाद शांडिल्य ‘दिव्य’ श्रीमती नीता नय्यर निष्ठा’, श्रीमती सुमन पंत ‘सुरभि’, श्रीमती कंचन प्रभा गौतम, डा. अशोक कुमार गिरी, डा. सुशील कुमार त्यागी ‘अमित’, अरुण कुमार पाठक, सुभाष मलिक, देवेन्द्र मिश्र, अभिनंदन कुमार ‘अभि रसमय’, सुधीर शर्मा, अरविंद दुबे और अमन सिखौला। अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, पुष्पमाल तथा सम्मान पत्र के माध्यय से यह सभी सम्मान प्रदान किये गये।
चेतना पथ पत्रिका के तृतीय वर्ष के प्रवेशांक का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर पत्रिका के प्रकाशक व संपादक अरुण कुमार पाठक ने बताया कि इसको प्रारम्भ करने का मुख्य उद्देश्य कला- संस्कृति, साहित्य, अध्यात्म तथा जन जागरूकता के तमाम विषयों पर समाज को उत्कृष्ट योगदान देने वाली संस्थाओं विशिष्ट विभूतियों उदीयमान प्रतिभा तथा रचनाकारों को एक प्रतिष्ठित मंच प्रदान करना था और यह विगत 2 वर्षों में अपने इस उद्देश्य में सफल रही है इस अवसर पर सभी उपस्थित अतिथियों ने चेतना पद की सफलता के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं भी प्रेषित कीं।
इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया यह कार्यक्रम में वाग्देवि माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्पण तथा श्रीमती सुमन पंत की संस्कृत में प्रस्तुत वाणी वंदना- ‘जय जय हे भगवती सुर भारती, तव चरणऊ प्रणमांमह’ के साथ आरम्भ हुआ। देर शाम तक चली काव्य गोष्ठी के दौरान अधिकांश कवियों ने ‘मातृ दिवस’ के अवसर पर ‘माँ और ममता’ को अपनी प्रस्तुतियों का विषय बनाया, जबकि, अरुण कुमार पाठक ने अपने गीत ‘रे पथिक तू चल, तेरी दूर नहीं मंजिल’ की मधुर व प्रेरणादायक प्रस्तुति दी, देवेन्द्र मिश्रा ने ‘पतित पावनी गंगा माँ, तेरी कृपा है’ के साथ माँ गंगा को नमन किया, तो दूसरी ओर श्रीमती कंचन प्रभा गौतम के गीत ‘कभी सुबहा तो कभी शाम लिखना, ख़त अपने आने का पैग़ाम लिखना’ ने ख़ूब तालियाँ बटोरी।
अभिनन्दन कुमार ‘अभि रसमय’ ने- ‘माँ तेरे क़दमों में मेरी ख़ुशियाँ महफूज़, माँ तेरे आँचल में पनपा मेरा वजूद’, सुमन पंत ने ‘कोख में अंकुर फूटा जब से, माँ तुझको जाना है तब से’, डा. सुशील कुमार त्यागी ‘अमित’ जी ने ‘माँ का सच्चा प्यार रे, मिलता जिसे दुलार रे’, सुभाष मलिक ने ‘करती थी स्पर्श मेरा अपनी पलकेंमूंद मूंद कर, ममता के अधरों पर, जिसकी बाहों के झूले में झूला करता मेरा अतीत, उसे समर्पित मेरे गीत’ और सुधीर शर्मा ने ‘मातृ दिवस सांकेतिक है रखने को यह याद’, सुना कर माँ को नमन किया। पं. ज्वाला प्रसाद शांडिल्य ‘दिव्य’ ने ‘माता-पिता का कीजिए प्रेम सहित सत्कार, जीवन सुधरें आपका खुलें मोक्ष का द्वार’ के साथ माता-पिता का सम्मान करने का आह्वान किया।
डा. अशोक कुमार गिरि, श्रीमती नीता नय्यर ‘निष्ठा’, देवेन्द्र मिश्रा, अमन सिखौला और अरविन्द दुबे ने भी अपनी रचनाएँ पढ़ कर वाहवाही लूटी। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी डा. महेन्द्र आहूजा ने की, जबकि इसका कुशल संचालन अरुण कुमार पाठक ने कंचन प्रभा गौतम के साथ संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर के अध्यक्ष मधुसूदन आर्य सीनियर सिटीजन फोरम के अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता, वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, विनोद मित्तल, राकेश पाहवा, मनन वर्मा, गोविंद बल्लभ भट्ट, राजेश भार्गव, प्रवीण अग्रवाल, शहज़ार होम के अध्यक्ष एम.के. रैना आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।