खंडहर में तब्दील होती आईटीआई बिल्डिंग को बचाकर ही दम लेगा मोर्चा- नेगी

बिल्डिंग की कमीशन डकार, नेता- अधिकारी हुए फरार ,

राजकीय महिला आईटीआई, ढकरानी का है मामला,

आपको बताते चलें कि 8 वर्ष पूर्व बिल्डिंग बनकर हो गई थी तैयार  ,सरकार का करोड़ों रुपए हो रहा बर्बाद ,आईटीआई भवन में अत्याधुनिक कोर्सेज जल्द होंगे संचालित ,

आपको बताते चलें कि विकासनगर में जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए विकासनगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम ढकरानी में लगभग 8 वर्ष पूर्व 5 करोड रुपए की लागत से बना राजकीय महिला आईटीआई भवन ,जो सिर्फ शोपीस बनकर रह गया था,को संचालित करने अथवा अन्य प्रयोजन में लाये जाने के मामले में मोर्चा शासन स्तर पर लगातार प्रयासरत है,जिसके क्रम में जुलाई 2025 को सचिव, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण द्वारा कार्यवाही हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए तथा उनके द्वारा अवगत कराया गया कि शीघ्र ही आईटीआई भवन में रोजगार परक एवं अत्याधुनिक कोर्सेज संचालित किए जाने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है तथा शीघ्र ही बेरोजगारों को इसका लाभ मिलेगा । मोर्चा के प्रयास से दिसंबर 2024 को मुख्य सचिव द्वारा भी इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे । नेगी ने कहा कि जब यह भवन बनकर तैयार हुआ उसके पश्चात वर्ष 2020 में उक्त महिला आईटीआई को विकासनगर, आईटीआई में विलय कर दिया गया था। नेगी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में लगभग 5 करोड रुपए की लागत से बना राजकीय महिला आईटीआई वर्ष 2017 में हस्तगत हो चुका था, लेकिन भवन विभागीय लापरवाही एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते खंडहर में तब्दील होने का इंतजार कर रहा है। उक्त भवन को पूर्व में सभी सुविधाओं से लैस किया जा चुका था, लेकिन आज तक जिस उद्देश्य से इसका निर्माण कराया गया था, उससे महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पाया। एक तरफ जहां सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है, वहीं ठेकेदार रूपी नेता सरकार की योजनाओं पर पलीता लगा अपनी कमीशन डकार कर कर मूल उद्देश्य से विमुख होते जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आलम यह है कि जनप्रतिनिधि सिर्फ और सिर्फ ठेकेदारी की कमीशन खोरी पर ही ध्यान दे रहे हैं ।मोर्चा को भरोसा है कि शीघ्र ही इसका लाभ बेरोजगारों के रोजगार की दिशा में लाभ मिलेगा। पत्रकार वार्ता में- मोहम्मद असद एवं प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे

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