नेशनल दर्पण : बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी कर दी है। बीजेपी की लिस्ट में 195 उम्मीदवारों के नाम शामिल है। बीजेपी ने अपनी लिस्ट में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी टिकट दिया है। इनमें एक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं और दूसरे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे विपलब देव हैं।
आपको बताते चलें कि इस बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर चर्चा हो रही है कि उन्हें टिकट क्यों नहीं मिला है, बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से, तो वहीं विप्लव देव को त्रिपुरा की त्रिपुरा पश्चिम सीट से उम्मीदवार बनाया है। लेकिन बीजेपी की लिस्ट में वसुंधरा राजे का नाम नहीं है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी वसुंधरा राजे को आगे नहीं बढ़ाएगी या फिर वह राजस्थान की ही राजनीति में रहेंगी।
वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को राजस्थान की झालावाड़ सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है। वर्तमान में वह यहीं से सांसद भी हैं। माना जा रहा था कि बीजेपी वसुंधरा राजे को लोकसभा चुनाव लड़ा कर केंद्र की राजनीति में लाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक बात तो साफ है कि वर्तमान बीजेपी में वसुंधरा राजे की नहीं चल रही है। इसका असर तब दिखा जब राजस्थान में मुख्यमंत्री का चयन करना था। जब चुनावी नतीजे आए थे और बीजेपी को बहुमत हासिल हुआ, उसके बाद वसुंधरा राजे के समर्थन में कई विधायक इकट्ठा हुए। उन्होंने वसुंधरा राजे को सीएम बनाने की मांग की लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जब राजस्थान के मुख्यमंत्री का चुनाव हो रहा था उस दौरान का एक दिलचस्प वीडियो भी वायरल हुआ था। इस वीडियो में वसुंधरा राजे मंच पर राजस्थान के पर्यवेक्षक और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठी थीं। इसी दौरान राजनाथ सिंह वसुंधरा राजे को एक पर्ची थमाते हैं और वसुंधरा राजे पर्ची में लिखा नाम देखकर चौंक जाती है। इससे पता चलता है कि भजनलाल शर्मा का नाम देखकर वह चौंक गई थी।
वहीं एक चर्चा यहां भी है कि वसुंधरा राजे राजस्थान की राजनीति में ही रहना चाहती हैं। वर्तमान में वह राजस्थान से विधायक हैं और वह दिल्ली नहीं आना चाहती हैं। ऐसा उन्होंने आलाकमान को बता दिया था। लेकिन बड़ी बात यह है कि अगर वह राजस्थान की राजनीति करना चाहती है तो क्या वह केवल विधायक पद से संतुष्ट हैं।
भाजपा ने चूरू लोकसभा सीट से सांसद रहे राहुल कस्वां का टिकट काट दिया है। कस्वां परिवार पिछले 33 सालों से यहां पर बीजेपी का झंडा बुलंद कर रहा था, लेकिन इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया। विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल काफी चर्चा में आए थे। बीजेपी ने तारानगर सीट विधानसभा सीट से अपने दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ को मैदान में उतारा था और वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि कुछ जयचंदों ने उन्हें चुनाव हरा दिया। चुनाव हारने के बाद राजेंद्र राठौड़ ने जनसभा की थी, जिसमें कुछ नेताओं ने खुलेआम राहुल कस्वां पर धोखा देने का आरोप लगाया था। राजेंद्र राठौड़ ने खुले तौर पर कभी राहुल कस्वां के बारे में तो नहीं बोला लेकिन माना जाता है उनका निशाना चूरू सांसद पर ही था।
राजेंद्र राठौड़ और वसुंधरा की अदावत किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में राहुल कस्वां का टिकट काटकर बीजेपी ने वसुंधरा को एक संदेश दिया है, इसकी भी चर्चा हो रही है। इन सब घटनाक्रम के बाद एक चर्चा आम है कि क्या अब बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में ‘महारानी’ की एंट्री होने वाली है। वसुंधरा राजे को राजस्थान में लोग महारानी के नाम से बुलाते हैं।