पत्रकार बिजेंद्र शीर्षवाल
नेशनल दर्पण : हरिद्वार पैड़ी पर गुरु नानक साहिब गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी स्थापित किए जाने की मांग को लेकर यात्रा के रूप में हरिद्वार जा रहे सिख समुदाय के जत्थे को पुलिस प्रशासन ने कुल्हाल बॉर्डर पर रोक लिया।
जत्थे को रोके जाने पर संगत ने आक्रोश प्रकट करते हुए इसे अधिकारों का हनन करार दिया। बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के साथ हुई करीब एक घंटे की वार्ता के बाद जत्थे में शामिल लोग वापस लौट गए।
ऑल इंडिया सिक्ख कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह बब्बर के नेतृत्व में चार वाहनों में सवार होकर जत्था दोपहर 12:40 बजे पांवटा साहिब हिमाचल पहुंचा। जत्थे में 19 पुरूष और पांच महिलाएं शामिल थीं। यहां माथा टेकने के बाद जत्था दोपहर 2:10 बजे कुल्हाल बॉर्डर पहुंचा। जहां पहले से मौजूद भारी पुलिस ने पुल पर बैरीकेड लगाकर वाहनों को रोक लिया। पुलिस प्रशासन की ओर से रोके जाने पर गुरुरचरण सिंह बब्बर ने कहा कि हरकी पैड़ी में सिखों का 460 साल पुराना गुरुद्वारा है।
हम सबके साथ मिलकर समाज की सेवा करना चाहते हैं। हम केवल अपना हक-अधिकार मांग रहे है। गुरु के प्रकाश पर्व पर उन्हें हरिद्वार में जाकर स्नान और अरदास आदि करने से रोका जाना, उनके अधिकारों का हनन है। तहसीलदार सुरेंद्र कुमार, सीओ भाष्कर शाह, कोतवाली प्रभारी राजेश साह के समझाने पर जत्थे में शामिल सभी लोग वाहनों में सवार होकर वापस दिल्ली लौट गए।
रोके जाने पर जत्थे में शामिल लोगों ने ज्ञान खोदड़ी गुरूद्वारा साहिब लेकर रहेंगे के नारे लगाए। सभी लोगों को पुलिस चौकी के पीछे बने शेड में ले जाया गया। जहां चाय नाश्ता कराने के बाद सभी को लौटा दिया गया।
सुरक्षा की दृष्टि से बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। कोतवाली के साथ ही कालसी, सहसपुर, सेलाकुई थाना पुलिस के साथ भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस के खुफिया विभाग के पुलिस कर्मी भी सतर्क रहे।