TigerBandhavgarh National Park, India; 17 months old Bengal tiger cub (male) resting in open area early morning, dry season

देहरादून। बाघों के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले उत्तराखंड के रिजर्व फॉरेस्ट में बाघों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक समीर सिन्हा ने बताया कि जनवरी 2023 से लेकर अब तक 12 बाघों की मौत हुई है. इसको लेकर उन्होंने एक कमेटी बनाई है, जो मौत की वजह तलाशने की कोशिश कर रही है. सबसे सुरक्षित माने जाने वाले उत्तराखंड के रिजर्व फॉरेस्ट में बाघों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. बाघों के संरक्षण के लिए सेव टाइगर प्रोजेक्ट के अंतर्गत वन विभाग बाघों की सुरक्षा को लेकर कई दावे करता है. मगर, उनकी मौत को लेकर आई रिपोर्ट से हड़कंप मच गया है.

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वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक समीर सिन्हा ने बताया कि जनवरी से लेकर अब तक 12 बाघों की मौत हुई है. इसको लेकर समीर सिन्हा ने एक कमेटी भी बनाई है. बाघों की मौत शिकारियों की वजह से नहीं हुई है. हालांकि, मौत की वजह जानने की कोशिश की जा रही है. समीर सिन्हा ने बताया कि साल 2018 में हुए सर्वेक्षण में उत्तराखंड में 442 बाघों की गिनती हुई थी. यह अपने आप में एक उपलब्धि है. दूसरी तरफ अभी हाल ही में शिवालिक रेंज में बाघों की संख्या डेढ़ सौ से ज्यादा पाई गई है.

शिकार का किया खण्डन

रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में अभी हाल ही में एक फंदेनुमा चीज से एक बाघिन घायल हो गई थी. उसके बारे में सिन्हा ने बताया कि दो साल पहले किसी के शिकंजे में आने की वजह से बाघिन फंस गई थी. इसमें किसी शिकारी की साजिश का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि हम बाघिन के इलाज के लिए वेटरनरी सर्जन से लगातार संपर्क में हैं. वहीं, कोटद्वार के कॉर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक और बाघिन की मौत की तस्वीर वायरल हुई थी. उसमें बताया गया था कि बाघिन भूख से मर गई है.  इस खबर का खंडन करते हुए समीर सिन्हा ने कहा कि बाघिन बूढ़ी हो गई थी. शिकार न कर पाने की वजह से उसकी मौत हुई थी. उन्होंने कहा इस तरह की घटना आम बात है.

सिन्हा ने आगे कहा कि शिकारियों से बाघ पूरी तरह सुरक्षित हैं. हमने ट्रैकिंग कैमरे लगाए हैं. ड्रोन और सैटेलाइट इमेज के माध्यम से रिजर्व फॉरेस्ट की सुरक्षा की जाती है. अभी तक बाघों की मौत का कारण सामने नहीं आया है. लगातार इस बात पर संशय बना हुआ है कि आखिर उम्र की वजह से इन बाघों की मौत हुई या फिर किसी बीमारी से. इन सवालों का जवाब तभी मिलेगा, जब इस पूरे मामले में जांच रिपोर्ट सामने आएगी.

One thought on “उत्तराखण्ड में जनवरी से अब तक 12 बाघों की हुई मौतें”

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